झुका के शामे-फलक सुर्ख पैगाम लिख दो..,
ये लब ये लबे-लबाब ये शहाबी बाब..,
रूखे रुखसार लबों से माहे-तमाम लिख दो.....
कहकशाँ-ओ-माहे-अन्जुम को..,
इक सजता आशियाना लिखो..,
बर्के-गरज को दिल की धढ़कन..,
सीने का महफूज आस्ताना लिखो..,
आबनूस के आबीरंग के बहरे-दिल को..,
नुरे-कलम के अश्क, इश्क के नाम लिख दो.....
शफ्फाफ सफा सफहे की सफ्फ..,
और स्याह शब् की स्याही है..,
परवाजे-फलक पे चाँद है..,
रूह रूहानी है रूबरू रौशनाई है.....
हमें ना खींचिए शमशीरो से..,
हम बयाँ हो जायेंगे लकीरों से..,
मर जायेंगे इक निगाहे-अंदाज से..,
चाक होंगें नहीं नजर के तीरों से.....
SUNDAY, JULY 15, 2012
लरज के तरबे-ताबीर हाले-हया से झुका..,
टूटकर मोहब्बत में चाँद आसमां से झुका..,
मुस्कराके नाजों अदा से वो नजर उढा के..,
लबे-गुल से लब मिला के वो शर्मा के झुका.....
TUESDAY, JULY 17, 2012
शबिस्ताने शहानी शबाब से शहाब की खुशबु आती है..,
दोशीजा दामने-दोआब से गुलाब की खुशबु आती है.....
THURSDAY, JULY 19, 2012
रगे-अब्र की कफस में लबो-लब की नफस में..,
क़ाफ़ तक कतरों में रंगभरूं तो मुसव्विर हो जाऊं.....:)
फ़रीदा-फरसंग है मरकज-ए-सहन में..,
पुरसोज तलातुम है नाफ-ए-बदन में..,
कस कसा के कौसे-कजां की कमां..,
मनक के मनक्कस खुदानविस के फन में.....
SUNDAY, JULY 22, 2012
खामा ख़्वाब की कोई मिसाल हो तुम..,
खुनाब की खलिश खाल-खाल हो तुम..,
लम्हा-लम्हा रोजे-माह सालो-साल हो ..,
लाजवाब रंगे-जमाल ब-कमाल हो तुम.....
TUESDAY, JULY 24, 2012
अब तो मिल कर देखिये क्या रंग हो..,
फिर हमारी आरजू होने लगी.....
----- ।। दाग़ ।। -----
FRIDAY, JULY 27, 2012
बारे-बर बारान पर कस कमां लिख दिया ..,
क़तरात् क़त कलम कर आसमां लिख दिया.....
bahut khoob...
ReplyDeleteख़ालिस उर्दू की गज़ल लिखें, हो सके तो मुश्किल शब्दों के अर्थ भी दीजिए....पाठकों को समझ आएगा तो ज्यादा आनंद आएगा.
bless u!!!
anu
सुन्दर रचना।
ReplyDeleteअरे वाह!
यहाँ भी शब्दपुष्टिकरण।
बहुत परेशानी होती है इससे तो।