Friday, July 6, 2012

----- || AABASAAR || -----



उढा के सहरे-शफक यूँ सलाम लिख दो..,                    
झुका के शामे-फलक सुर्ख पैगाम लिख दो..,  


ये लब ये लबे-लबाब ये शहाबी बाब..,
रूखे रुखसार लबों से माहे-तमाम लिख दो..... 


कहकशाँ-ओ-माहे-अन्जुम को..,
इक सजता आशियाना लिखो..,
बर्के-गरज को दिल की धढ़कन..,
सीने का महफूज आस्ताना लिखो..,


आबनूस के आबीरंग के बहरे-दिल को..,
नुरे-कलम के अश्क, इश्क के नाम लिख दो.....



शफ्फाफ सफा सफहे की सफ्फ..,
और स्याह शब् की स्याही है..,
परवाजे-फलक पे चाँद है..,
रूह रूहानी है रूबरू रौशनाई है.....




हमें ना खींचिए शमशीरो से..,
हम बयाँ हो जायेंगे लकीरों से..,
मर जायेंगे इक निगाहे-अंदाज से..,
चाक होंगें नहीं नजर के तीरों से..... 



SUNDAY, JULY 15, 2012                                


लरज के तरबे-ताबीर हाले-हया से झुका..,
टूटकर मोहब्बत में चाँद आसमां से झुका..,


मुस्कराके नाजों अदा से वो नजर उढा के..,
लबे-गुल से लब मिला के वो शर्मा के झुका.....




TUESDAY, JULY 17, 2012                               


शबिस्ताने शहानी शबाब से शहाब की खुशबु आती है..,
दोशीजा दामने-दोआब से गुलाब की खुशबु आती है.....




THURSDAY, JULY 19, 2012                              


रगे-अब्र की कफस में लबो-लब की नफस में..,
क़ाफ़ तक कतरों में रंगभरूं तो मुसव्विर हो जाऊं.....:) 



फ़रीदा-फरसंग है मरकज-ए-सहन में..,
पुरसोज तलातुम है नाफ-ए-बदन में..,


कस कसा के कौसे-कजां की कमां..,
मनक के मनक्कस खुदानविस के फन में..... 




SUNDAY, JULY 22, 2012                                    


खामा ख़्वाब की कोई मिसाल हो तुम..,
खुनाब की खलिश खाल-खाल हो तुम..,
लम्हा-लम्हा रोजे-माह सालो-साल हो ..,
लाजवाब रंगे-जमाल ब-कमाल हो तुम.....




TUESDAY, JULY 24, 2012                                     


अब तो मिल कर देखिये क्या रंग हो..,
फिर हमारी आरजू होने लगी.....
    ----- ।। दाग़ ।। -----



FRIDAY, JULY 27, 2012                                        


बारे-बर बारान पर कस कमां लिख दिया ..,
क़तरात् क़त कलम कर आसमां लिख दिया..... 








  

2 comments:

  1. bahut khoob...

    ख़ालिस उर्दू की गज़ल लिखें, हो सके तो मुश्किल शब्दों के अर्थ भी दीजिए....पाठकों को समझ आएगा तो ज्यादा आनंद आएगा.

    bless u!!!
    anu

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  2. सुन्दर रचना।
    अरे वाह!
    यहाँ भी शब्दपुष्टिकरण।
    बहुत परेशानी होती है इससे तो।

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